नरसिंहपुर जिला स्तरीय आपदा प्रबंधन समिति की बैठक सम्पन्न
नरसिंहपुर न्यूज़ :- जिला स्तरीय आपदा प्रबंधन समिति की बैठक सम्पन्न
कोरोना संक्रमण की प्रभावी रोकथाम के लिये धारा 144 व शासन की नवीन गाइड लाइन का कड़ाई से पालन हो
जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के उद्देश्य से जिला स्तरीय आपदा प्रबंधन समिति की बैठक राज्यसभा सांसद श्री कैलाश सोनी, लोकसभा सांसद श्री राव उदय प्रताप सिंह, तेंदूखेड़ा विधायक श्री संजय शर्मा, कलेक्टर श्री वेद प्रकाश, पुलिस अधीक्षक श्री अजय सिंह, अपर कलेक्टर श्री मनोज कुमार ठाकुर, भाजपा जिला अध्यक्ष श्री अभिलाष मिश्रा, जिला पंचायत सीईओ श्री कमलेश भार्गव की मौजूदगी में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में रविवार को सम्पन्न हुई।
बैठक में कोरोना संक्रमण की प्रभावी रोकथाम के लिये त्यौहारों को दृष्टिगत रखते हुये भारत सरकार के गृह मंत्रालय एवं राज्य शासन के गृह विभाग की नवीन गाइड लाइन और धारा 144 के प्रावधानों का कड़ाई से पालन किये जाने पर जोर दिया गया। नवीन गाइड लाइन एवं धारा 144 के प्रावधानों के बारे में अवगत कराया गया। जिले में अवैध शराब एवं नशीले पदार्थों की बिक्री पर कार्यवाही करने पर पुलिस विभाग की सराहना की गई। बैठक में जिले में साप्ताहिक बाजार भी खोले जाने का सुझाव भी दिया गया।
बैठक में कलेक्टर श्री वेद प्रकाश द्वारा जिले में की जा रही सैंपलिंग, 14 फीवर क्लीनिक, पॉजीटिव केस, अस्पतालों में बेड की उपलब्धता, आक्सीजन बेड की स्थिति के बारे में अवगत कराया गया। सिविल सर्जन डॉ. अनीता अग्रवाल ने बताया की लक्षण होने पर मरीजों की कोविड- 19 की जांच की जा रही है। सी-टी स्केन व एक्सरे मशीन से भी मरीजों की जांच की जा रही है। आवश्यकतानुसार पॉजीटिव मरीजों को मेडीकल कॉलेज जबलपुर में भर्ती कराया जाता है।
कोरोना आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में अवगत कराया गया कि शासन के नवीन दिशा- निर्देशों के अनुसार खुले मैदान में सामाजिक, शैक्षणिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक, राजनीतिक, रामलीला एवं रावण दहन आदि कार्यक्रमों के लिए मैदान के आकार (साइड) को दृष्टिगत रखते हुए तथा फेस मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, सैनेटाईजेशन एवं थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था के पालन करने की शर्त पर 100 से अधिक संख्या के जनसूह के कार्यक्रमों के लिए अनुमति जिला प्रशासन द्वारा दी जायेगी। ये कार्यक्रम कंटेनमेंट जोन में आयोजित नहीं किये जा सकेंगे।
इस प्रकार के कार्यक्रमों के आयोजन के लिए आयोजकों को जिला प्रशासन को लिखित में आवेदन देना आवश्यक होगा। ये आवेदन संबंधित अनुविभागीय दंडाधिकारी के यहां प्रस्तुत किये जावेंगे, जो विचार के बाद अनुमति देंगे, जिसमें उक्त संख्या एवं शर्त का पालन कराने की जबावदारी आयोजकों की होगी। इन आयोजनों की वीडियोग्राफी आवश्यक रूप से कर आयोजकों को कार्यक्रम समाप्ति के 48 घंटे में अनुविभागीय दंडाधिकारी कार्यालय को उपलब्ध करानी होगी। प्रदेश में आगामी आदेश तक धार्मिक स्थलों पर मेलों के आयोजन आदि पर प्रतिबंध रहेगा।
जारी दिशा- निर्देशों के अनुसार धार्मिक स्थलों पर, जहां बंद कक्ष अथवा हॉल में श्रद्धालु एकत्र होते हैं, वहां अनुविभागीय दंडाधिकारी द्वारा कुल उपलब्ध स्थान के आधार पर इस प्रकार अधिकतम सीमा नियत की जा सकेगी, जिसमें उपलब्ध स्थान में श्रद्धालुओं के मध्य दो गज दूरी सुनिश्चित करते हुए पूजा/ अर्चना की जा सकेगे, किंतु यह संख्या किसी भी स्थिति में एक समय में 200 से अधिक नहीं होगी। साथ ही धार्मिक स्थल प्रबंधन को यह सुनिश्चित करना होगा कि कोविड- 19 रोकथाम के तारतम्य में फेस मास्क की बाध्यता एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन धर्मावलंबियों द्वारा किया जावे।
बिना अनुमति 100 से अधिक जनसमूह के कार्यक्रम करने अथवा प्रदत्त अनुमति में शर्तों के उल्लंघन करने पर संबंधितों के विरूद्ध धारा 188 भारतीय दंड विधान के अंतर्गत वैधानिक कार्यवाही की जावेगी।
पूर्व में गृह विभाग द्वारा जारी आदेश में जिले की समस्त दुकानें रात्रि 8 बजे तक ही खुलने की अनुमति का उल्लेख था, जिसमे समाप्त कर दिया गया है। अब जिले में दुकानें, बाजार, मॉल अपने निर्धारित समय तक खुले रह सकेंगे।
विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित की जाने वाली प्रतिमा/ ताजिए की ऊंचाई का प्रतिबंध भी समाप्त कर दिया है। प्रतिमा/ ताजिये के लिए पंडाल का आकार अधिकतम 30 गुणा 45 फीट नियत किया जाता है। ऐसी झांकियों की स्थापना एवं प्रदर्शन नहीं किया जा सकेगा, जिनसे संकुचित जगह के कारण श्रद्धालुओं/ दर्शकों की भीड़ की स्थिति बने तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो, इसकी व्यवस्था आयोजकों को सुनिश्चित करना होगी।
मूर्ति विसर्जन संबंधित आयोजन समिति द्वारा किया जायेगा। मूर्ति के विसर्जन स्थल पर ले जाने के लिए अधिकतम 10 व्यक्तियों के समूह की अनुमति होगी। इसके लिए आयोजकों को पृथक से संबंधित अनुविभागीय दंडाधिकारी से लिखित अनुमति प्राप्त किया जाना आवश्यक होगा।
कोविड संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए धार्मिक/ सामाजिक आयोजन के लिए चल समारोह निकालने की अनुमति नहीं होगी। विसर्जन के लिए सामूहिक चल समारोह की अनुमति भी नहीं होगी। गरबा के आयोजन भी नहीं हो सकेंगे। लाउड स्पीकर बजाने के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी की गई गाइड लाइन का पालन किया जाना अनिवार्य होगा।
रावण दहन के पूर्व परंपरागत श्रीराम के चल समारोह को प्रतीकात्मक रूप से अनुमति होगी। रामलीला तथा रावण दहन के कार्यक्रम खुले मैदान में मास्क तथा सोशल डिस्टेंसिंग की शर्त पर किये जा सकेंगे, इसके लिये आयोजन समिति को प्रशासन से पूर्वानुमति लेना होगी।
सार्वजनिक स्थानों पर कोविड संक्रमण से बचाव के तारतम्य में झांकियों, पंडालों, विसर्जन के आयोजनों, रामलीला तथा रावण दहन के सार्वजनिक कार्यक्रमों में श्रद्धालू/ दर्शक फेस कवर, सोशल डिस्टेंसिंग एवं सेनेटाइजर के प्रयोग के साथ ही राज्य शासन द्वारा समय- समय पर जारी किये गये निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करना होगा।
समस्त मॉल/ दुकान संचालकों से अपेक्षा की गई है कि वे स्वयं मास्क पहनें तथा ग्राहकों के उपयोग के लिए सेनेटाइजर तथा सोशल डिस्टेंसिंग के लिए एक- एक गज की दूरी पर घेरे बनाये। ऐसा नहीं करने वाले संचालकों के विरूद्ध नियमानुसार जुर्माना एवं अन्य दांडिक कार्यवाही की जावेगी।
बैठक में कलेक्टर श्री वेद प्रकाश ने पॉवर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से कोरोना वायरस से निपटने के लिए जिले में की गई तैयारियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिले में कुल कोरोना पॉजिटिव की संख्या 2939 है, जिसमें से 2784 व्यक्ति स्वस्थ हो चुके हैं, 25 व्यक्ति की मृत्यु हुई है और 130 केस एक्टिव हैं। जिले में 14 फीवर क्लीनिक कार्यरत हैं, जहां कोई भी सेंपलिंग करा सकता है। जिले में मोबाइल यूनिट के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर सेंपलिंग कराई जा रही है।
बैठक में सीएमएचओ डॉ. पीसी आनंद, श्री सियाराम पटैल, श्री विनोद श्रीवास्तव, श्री पीयूष कुमार जैन, श्री रामदास कौरव, श्री कमलेश कौरव और अन्य सदस्य एवं अधिकारी मौजूद थे।