नरसिंहपुर केन्द्रीय दल ने जिले में कीट व्याधि व अतिवृष्टि से फसलों को हुये नुकसान का लिया जायजा
नरसिंहपुर न्यूज़ :- केन्द्रीय दल ने जिले में कीट व्याधि व अतिवृष्टि से फसलों को हुये नुकसान का लिया जायजा
भारत सरकार के केन्द्रीय दल/ इंटर मिनिस्ट्रीयल सेंट्रल टीम- आईएमसीटी ने जिले के विभिन्न ग्रामों में पहुँचकर कीट व्याधि से फसलों को हुए नुकसान का जायजा बुधवार एवं गुरूवार को लिया। केन्द्रीय दल में शामिल भारत सरकार के कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालक दलहन/ डीपीडी डॉ. एके तिवारी, डीजीएम (रीजन) एफसीआई श्री वीरेन्द्र कुमार भारती और अन्य सदस्यों ने खेतों में जाकर फसलों को अति वर्षा तथा कीट व्याधि से हुए नुकसान का जायजा लिया।
केन्द्रीय दल ने जिले में सोयाबीन, उड़द, मक्का आदि फसलों की स्थिति को खेतों में जाकर देखा। केन्द्रीय दल ने नरसिंहपुर विकासखंड के ग्राम भैंसा- बरखेड़ा, लोकीपार व सिंहपुर, विकासखंड करेली के ग्राम पिपरिया- रांकई व खैरी- महलपुरा, चांवरपाठा विकासखंड के ग्राम समारिया, मड़ेसुर व अजंसरा, चीचली विकासखंड के ग्राम पनारी, इमलिया व कल्याणपुर और सांईखेड़ा विकासखंड के ग्राम तूमड़ा का भ्रमण कर फसलों को हुई क्षति का आंकलन किया। सोयाबीन में कीट व्याधि पीला मोजेक, सफेद मक्खी, तनाछेदक, सेमीलूपर, एंथ्रेकनोज एवं जड़ सड़न का प्रभाव देखा गया। फसलों में अतिवृष्टि से हुये नुकसान का आंकलन भी किया गया। केन्द्रीय दल ने किसान सिंहपुर बड़ा के श्री रविशंकर नेमा, लोकीपार के श्री रामकुमार, बरखेड़ा के श्री जगदीश कुमार, पिपरिया- रांकई के श्री गोविंद लाल शर्मा, महलपुराखैरी के श्री सुनील जाट, कल्याणपुर के श्री लखन लाल कौरव, पनारी के श्री अशोक कुमार नेमा, समारिया के श्री करन लोधी, मड़ेसुर के श्री चैतन्य यादव, अजंसरा के श्री सुरेन्द्र पांडे समेत अन्य किसानों के क्षेत्र की फसलों का निरीक्षण किया और चर्चा की।
निरीक्षण के दौरान केन्द्रीय दल ने किसानों से चर्चा की और फसलों की नुकसानी के बारे में पूछा। निरीक्षण के दौरान संयुक्त संचालक कृषि श्री केएस नेताम, उप संचालक कृषि श्री राजेश त्रिपाठी, सहायक संचालक गन्ना डॉ. अभिषेक दुबे, सहायक मिट्टी परीक्षण अधिकारी डॉ. आरएन पटैल, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक श्री केव्ही सहारे, अनुविभागीय कृषि अधिकारी श्री एसके रघुवंशी, तहसीलदार श्री राजेश मरावी व श्री आरके मेहरा, राजस्व, कृषि, बीज निगम, मंडी बोर्ड एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के कृषि वैज्ञानिक और कृषक मौजूद थे।