नरसिंहपुर जिला दंडाधिकारी द्वारा जिले में गुड़ भ‍ट्टियों के सुचारू संचालन के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी धारा 144 के तहत जारी किया आदेश

नरसिंहपुर न्यूज़ :- जिला दंडाधिकारी द्वारा जिले में गुड़ भ‍ट्टियों के सुचारू संचालन के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी धारा 144 के तहत जारी किया आदेश

  • जिला दंडाधिकारी द्वारा जिले में गुड़ भ‍ट्टियों के सुचारू संचालन के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी
  • धारा 144 के तहत जारी किया आदेश

गुड़ भट्टियों की व्यवस्थाओं को किसानों और जनता के हित में व्यवस्थित करने, गुड़ भट्टियों से संबंधित शिकायतों के निराकरण और गुड़ भट्टियों के सुचारू संचालन के उद्देश्य से जिला दंडाधिकारी श्री वेद प्रकाश ने जिले में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। यह आदेश दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत जारी किया गया है। आदेश को सम्पूर्ण जिले में तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है।
उक्त आदेश का उल्लंघन भारतीय दंड संहिता की धारा 188 एवं अन्य प्रचलित विधियों के तहत दंडनीय होगा।
इस सिलसिले में जारी आदेश में कहा गया है कि गन्ने से गुड़ बनाने के लिए भट्टी लगाने के इच्छुक प्रत्येक व्यक्ति को इस आशय की लिखित सूचना संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार को निर्धारित प्रारूप में देना अनिवार्य होगा। इसकी पावती दी जायेगी। पावती को संबंधित व्यक्ति द्वारा संभाल कर रखना होगा। निरीक्षण के दौरान शासकीय कर्मचारियों द्वारा मांगे जाने पर यह पावती दिखाना होगी। तहसीलदार गुड़ भट्टियों के संचालन की जानकारी रजिस्टर में संधारित करेंगे। वे इन गुड़ भट्टियों की जानकारी संबंधित थाना प्रभारियों को उपलब्ध करायेंगे। प्रदेश के बाहर के व्यक्तियों द्वारा संचालित गुड़ भट्टियों का निरीक्षण थाना प्रभारियों द्वारा किया जायेगा। राजस्व, कृषि एवं पंचायत विभाग के अधिकारी- कर्मचारी भी गुड़ भट्टियों का निरीक्षण कर सकेंगे।
कृषक और उनके परिवार के सदस्य अपनी निजी भूमि पर गन्ने से गुड़ का निर्माण बिना किसी लिखित अनुबंध के कर सकेंगे। उन्हें केवल तहसीलदार को प्रारूप- 1 में सूचना देना पर्याप्त होगा। भूमि स्वामी से लिखित अनुबंध के बगैर किसी भी भूमि पर अन्य व्यक्ति द्वारा गुड़ भट्टी का संचालन नहीं किया जा सकेगा। अनुबंधकर्ता द्वारा गुड़ भट्टी संचालन की स्थिति में प्रारूप- 1 पर दोनों पक्षों द्वारा दो गवाहों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किये जायेंगे।
गुड़ भट्टी संचालक को किसानों से खरीदे गये गन्ने और उसकी एवज में किसानों को किये गये भुगतान का लेखा- जोखा रखना अनिवार्य होगा। भट्टी संचालक को कार्यरत मजदूरों और उन्हें किये गये भुगतान की जानकारी का लेखा- जोखा भी रखना अनिवार्य होगा। मजदूरों के पंजीयन के संबंध में श्रम विभाग द्वारा नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी।
गुड़ निर्माण में वर्जित कैमिकल/ अखाद्य पदार्थ के उपयोग पर होगी दांडिक कार्रवाई
किसानों और मजदूरों को समय पर वाजिब भुगतान जरूरी
आदेश में कहा गया है कि गुड़ भट्टी संचालक गुड़ निर्माण में किसी भी प्रकार के वर्जित कैमिकल अथवा अखाद्य पदार्थ का उपयोग नहीं करेंगे, अन्यथा उनके विरूद्ध दांडिक कार्रवाई की जायेगी। गुड़ भट्टी संचालकों द्वारा किसानों और मजदूरों को समय पर वाजिब भुगतान किया जायेगा। गुड़ भट्टियों पर बाल श्रम वर्जित रहेगा। बाल श्रम के संबंध में प्रचलित प्रावधानों का पालन करना अनिवार्य होगा। श्रम विभाग के अधिकारियों द्वारा इस संबंध में निरीक्षण कर आवश्यक कार्रवाई की जायेगी।
ऐसी गुड़ भट्टियों पर जहां संचालक द्वारा अन्य किसानों से गन्ना क्रय कर गुड़ बनाया जा रहा है, वहां मानक तौल कांटा लगाना अनिवार्य होगा।
उल्लेखनीय है कि जिले में गन्ना मुख्य फसल है और करीब 20 से 22 प्रतिशत रकबे में गन्ने का उत्पादन किया जाता है। माह अक्टूबर से मार्च तक जिले में बड़ी संख्या में खेतों में गुड़ भट्टियां लगाई जाती हैं, इनके संचालक किसानों से गन्ना खरीदकर उससे गुड़ बनाते हैं और उसे प्रदेश के बाहर भी भेजते हैं। स्थानीय किसान से मौखिक अथवा लिखित एग्रीमेंट कर अन्य प्रदेशों से आये हुये व्यक्तियों द्वारा प्राय: गुड़ भट्टियों का संचालन किया जाता है।
विगत वर्षों में गुड़ भट्टियों के संचालकों द्वारा किसानों को गन्ना उपज का भुगतान नहीं करने, वाजिब भुगतान नहीं करने, गुड़ निर्माण में कैमिकल व अन्य अखाद्य पदार्थों का उपयोग करने, मजदूरों का शोषण और उन्हें मजूदरी का भुगतान नहीं करने, बाल श्रम और ट्रैफिकिंग, असामाजिक गतिविधियों में संलिप्त रहने की शिकायतें प्राप्त होती रही हैं। इन कारणों से लोक परिशांति भंग होने की आशंका हमेशा बनी रहती है। इसी कारण से जिला दंडाधिकारी ने गुड़ भट्टियों के सुचारू संचालन और शिकायतों का प्रभावी निराकरण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है।

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